( Mahagauri Mata ) माता महागौरी: पूजा का महत्व , मंत्र, आरती, स्वरुप. हिंदी Indian Festivals by Pushkar Agarwal - 31st March 202021st May 20210 Mahagauri Mata: नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का आठवाँ स्वरुप माता महागौरी हैं। इन्हें महागौरी के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योकि इनका रंग बहुत से साफ और गौरा है । ऐसा माना जाता है की अपनी कठिन तपस्या से मां ने गौर वर्ण की प्राप्ति की थी। तभी से इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, चैतन्यमयी त्रैलोक्य पूज्य मंगला, उज्जवला स्वरूपा महागौरी, सांसारिक ताप और शारीरिक मानसिक को दूर करने वाली माता महागौरी के नाम से अभिनिहित किया गया। महागौरी देवी मंत्र श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥ महागौरी देवी आरती / Mahagauri Mata Aarti जय महागौरी जगत की माया । जया उमा भवानी जय महामाया ।। हरिद्वार कनखल के पासा । महागौरी तेरा वहां निवासा ।। चंद्रकली ओर ममता अंबे । जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ।। भीमा देवी विमला माता । कौशिकी देवी जग विख्याता ।। हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा । महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ।। सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया । उसी धुएं ने रूप काली बनाया ।। बना धर्म सिंह जो सवारी में आया । तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ।। तभी मां ने महागौरी नाम पाया । शरण आनेवाले का संकट मिटाया ।। शनिवार को तेरी पूजा जो करता । मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ।। भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो । महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ।। महागौरी माता का स्वरुप / Mahagauri Mata ka Swaroop इनका स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य, सरस, सुलभ और मोहक है। मां के आभूषण और कपड़े आदि भी सफेद ही हैं। माता के चार हाथ हैं और इनका वाहन बैल है। देवी के दाहिने ओर के नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है और ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में है । बाएं ओर के नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है और ऊपर वाले हाथ में डमरू है। महागौरी माता की पूजा का महत्व मां महागौरी की पूजा करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते है। जिससे तन- मन हर तरह से पवित्र हो जाता है। देवी महागौरी भक्तों को अच्छे मार्ग की ओर ले जाती है और इनकी आराधना से दुष्ट व गंदे विचार भी नष्ट हो जाते हैं। इसके कारण निश्चयात्मक ऊर्जा भी बढ़ने लगती है। देवी महागौरी की पूजा करने से मन केंद्रीभूत रहता है और समस्त दुःख दर्द नष्ट हो जाते है Chaitra Navratri 2021 Dates 13 अप्रैल 2021: माता शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाएगी। 14 अप्रैल 2021: माता ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाएगी। 15 अप्रैल 2021 : माता चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाएगी। 16 अप्रैल 2021 : माता कूष्मांडा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाएगी। 17 अप्रैल 2021: स्कंद माता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाएगी। 18 अप्रैल 2021: कात्यायिनी की पूजा नवरात्रि के छटवे दिन की जाएगी। 19 अप्रैल 2021: कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाएगी। 20 अप्रैल 2021: महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाएगी। 21 अप्रैल 2021 : सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाएगी। और देखे :- Chaitra Navratri 2020: इस नवरात्रि में 400 सालों बाद बन रहा है ये महासंयोग |