Kushmanda Devi: Aarti, Bali, Mantra, Shlok, Upasana. Indian Festivals हिंदी by Pushkar Agarwal - 27th March 202021st May 20210 इस समस्त संसार को जन्म देने वाली माता कुष्माण्डा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है। माँ ने समस्त अंधकार का विनाश करके इस संसार की रचना की और सृष्टि की रचना करने के लिए ही इनका नाम कुष्माण्डा अभिहित किया गया और इसलिए भी इनको आदिशक्ति भी कहा गया है। माता की आठ भुजाएं है इनमें से सात हाथो में क्रमशः कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। अंतिम हाथ में सभी निधियों और सिद्धियों को प्रदान करने वाली माला है। अपनी मंद, हल्की हँसी द्वारा अंड अर्थात ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के रूप में पूजा जाता है। संस्कृत भाषा में कूष्माण्डा को कुम्हड़ कहते हैं। बलियों में कुम्हड़े की बलि इन्हें सर्वाधिक प्रिय है। इस कारण से भी माँ कूष्माण्डा कहलाती हैं। इन देवी की सच्चे मन से पूजा करने से सभी रोगो का विनाश होता है और सच्चे भक्त को यश, आयु और बल प्राप्त होता है। केवल इन माता में ही सूर्य लोक में रहने की क्षमता है और इसलिए इनका शरीर कांति से परिपूर्ण रहता है। इनके शरीर की चमक संसार की हर वस्तु में समाई हुई है। https://www.youtube.com/watch?v=PTRvSwB198U पूजन इस दिन जहाँ तक हो सखे बड़े माथे वाली तेजस्वी विवाहित महिला का पूजन करना चाहिए। उन्हें खाने में दही, हलवा खिलाना उत्तम है। इसके बाद फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान भेंट करना चाहिए। जिससे माताजी प्रसन्न होती हैं और अपनी इच्छा के अनुसार फलों की प्राप्ति होती है। श्लोक सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥ उपासना माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में चतुर्थ दिन इसका जाप करना चाहिए। या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।’ अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कूष्माण्डा के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। Chaitra Navratri 2021 Dates 13 अप्रैल 2021: माता शैलपुत्री की पूजा नवरात्रि के पहले दिन की जाएगी। 14 अप्रैल 2021: माता ब्रह्मचारिणी की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाएगी। 15 अप्रैल 2021 : माता चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाएगी। 16 अप्रैल 2021 : माता कूष्मांडा की पूजा नवरात्रि के चौथे दिन की जाएगी। 17 अप्रैल 2021: स्कंद माता की पूजा नवरात्रि के पांचवे दिन की जाएगी। 18 अप्रैल 2021: कात्यायिनी की पूजा नवरात्रि के छटवे दिन की जाएगी। 19 अप्रैल 2021: कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाएगी। 20 अप्रैल 2021: महागौरी की पूजा नवरात्रि के आठवें दिन की जाएगी। 21 अप्रैल 2021 : सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि के नौवें दिन की जाएगी। और देखे :- Chaitra Navratri 2020: इस नवरात्रि में 400 सालों बाद बन रहा है ये महासंयोग |