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139 आकर्षक हिंदी दिवस की कवितायें, शायरियाँ, स्लोगन – Hindi Diwas Par Kavita Shayari, Quotes, Slogan

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Slogan for Hindi Diwas


बिखर गया सब भाषा का आंचल,
बस हिंदी ने ही परिवार बनाया।


बुजुर्गों ने हमें सिखाया,
हिंदी ने ही ज्ञान बढ़ाया।


देशवासियों की आशा है हिंदी , भारत की राष्ट्रभाषा हैं हिंदी


Hindi Diwas Slogan


बस हिंदी ही एक मात्र भाषा,
जैसी बोली, वैसी लिखी।


दुल्हन के माथे की बिंदियाँ हैं हिंदी , देश के माथे की पगड़ी है हिंदी


बहुत हुआ दूसरी भाषा का चलन,
अब हिंदी भाषा का महत्व समझाना है।

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Hindi Diwas Slogan in Hindi Language


सब भाषा को अपनाती पर अपना मूल ना खोती,
हिंदी की गूंज अब विदेश में भी होती।


हिंदी है हम हिंदी भाषा हैं हमारी , हिंदी भाषा का लोहा मान चुकी दुनिया सारी


हिंदी भाषी सबसे आगे जाएंगे,
अब हिंदी को आगे बढ़ाएंगे।


Hindi Diwas Slogan in Hindi


अगर करते हो अपने देश से प्यार, मत करो मातृभाषा का त्तिरष्कार


हम सबको बताएंगे,
घर-घर में हिंदी सिखाएंगे।


दिल से करो हिंदी का सम्मान , यही है हमारा अभिमान


कश्मीर से कन्याकुमारी तक जिसकी व्यापकता,
वो हिंदी ही है हमारी राष्ट्रभाषा।


एक ही मान, एक ही सम्मान,
हिंदी ही मेरे देश की भाषा।


हिंद मेरा देश है, हिंदी मेरी मातृभाषा,
यही है हिंदी की परिभाषा।


कैसे अपनालू कोई और भाषा,
हिंदी ही है मेरे पुरखों की भाषा।


मान चुकी है दुनिया सारी, हिंदी भाषा है सबसे प्यारी


जुबां से नही, दिल से बोलो,
पर हिंदी में भी कुछ बोलो।


पहले आप, पहले आप,
हिंदी ही सम्मान की भाषा।

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तोल-मोल की है हजार भाषा पर,
अपनत्व की तो बस हिंदी भाषा।


हिंदी दिवस को ओपचारिक मत मनाओ, हिंदी भाषा को अपनाओ और आगे बदाओ


राष्ट्रभाषा के बिना,
राष्ट्र की पहचान नहीं।


मान चुकी है दुनिया सारी, हिंदी भाषा है सबसे प्यारी


रूप नहीं, स्वरूप की भाषा,
हिंदी ही है उपन्यास की भाषा।


समझ-समझ के नहीं आयी,
हिंदी तो जन्म के साथ आयी।


हिंदी के साथ बड़ा हुआ,
हिंदी के साथ खड़ा हुआ,
अब हिंदी ही मेरी जान।


जब हिंदी का मान हुआ,
तब हर सपना साकार हुआ।


मैंने अपनाई, आप भी अपनाओ,
हिंदी को अब आगे बढाओ।


पहली भाषा हिंदी भाषा,
यही है राष्ट्र का सम्मान।


अब ना कोई आकार दो ना कोई प्रकार दो,
बस हिंदी भाषा का ज्ञान दो।


पढ़ना है, पढ़ाना है, सबको सिखाना है,
हिंदी भाषा को आगे बढ़ाना है।


बोलने वाले बोलेंगे,
हम तो हिंदी ही बोलेंगे।


हमारी भाषा कैसी हो,
सरल सुंदर हिंदी भाषा जैसी हो।


कभी अंग्रेजी आई कभी फार्शी आयी,
हमारे समझ में तो बस हिंदी आयी।


ना रुकेंगे, ना थमेंगे, सब सुनेंगे,
अब तो सब हिंदी भाषा ही बोलेंगे।


रस की भाषा, शिष्टाचार की भाषा,
अमर रहे हिंदी, राष्ट्र की भाषा।


अपनों का प्यार, अपनों की भाषा,
बस हिंदी में ही समझ आता।


हिंदी पर विचार करे,
आओ फिर एक बार हिंदी में संवाद करें।


जन-जन ने यह माना है,
दिल की बोली, हिंदी बोली।


हिंदी भाषा नहीं एक विचारधारा है


है अगर देश के लिए मान और सम्मान, करो अपनी मातृभाषा पर अभिमान


दुसरी भाषा बोलकर आप क्या साबित करते हो, क्यों अपनी राष्ट्र भाषा को अपमानित करते हो


हमे अपनी राष्ट्र भाषा पर गर्व करना चाहीये जैसे और देश के नागरिक करते है


हिंदी हैं हम हिंदी है वतन हमारा, पूरी दुनिया में महान है हिंदुस्तान हमारा


जब तक आप के पास कोई राष्ट्र भाषा नहीं हैं, आप का कोई राष्ट्र भी नहीं है


हिंदी मेरी जान है , हिंदी मेरी शान है


Pushkar Agarwal
I am greatly interested in festivals all around the world because it helps me discover new thoughts, beliefs, and practices of different people celebrating various types of sacred rituals each having its own joy and happiness. I hope you will enjoy my blog.
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