139 आकर्षक हिंदी दिवस की कवितायें, शायरियाँ, स्लोगन – Hindi Diwas Par Kavita Shayari, Quotes, Slogan हिंदी Indian Festivals by Pushkar Agarwal - 13th September 202022nd May 20210 Hindi Diwas Par Poem हिन्दी मेरे रोम-रोम में,हिन्दी में मैं समाई हूँ,हिन्दी की मैं पूजा करती,हिन्दोस्तान की जाई हूँ……सबसे सुन्दर भाषा हिन्दी,ज्यों दुल्हन के माथे बिन्दी,सूर, जायसी, तुलसी कवियों की,सरित-लेखनी से बही हिन्दी……हिन्दी से पहचान हमारी,बढ़ती इससे शान हमारी,माँ की कोख से जाना जिसको,माँ,बहना, सखि-सहेली हिन्दी……निज भाषा पर गर्व जो करते,छू लेते आसमाँ न डरते,शत-शत प्रणाम सब उनको करते,स्वाभिमान….. अभिमान है हिन्दी…हिन्दी मेरे रोम-रोम में,हिन्दी में मैं समाई हूँ,हिन्दी की मैं पूजा करती,हिन्दोस्तान की जाई हूँ… ~ सुधा गोयल Also, See :- 53 दिल को छू लेने वाली मुहर्रम की शायरियां ( Hindi Diwas Par Kavita ) हिंदुस्तानी हैं हम गर्व करो हिंदी भाषा पर,उसे सम्मान दिलाना और देना कर्तव्य हैं हम पर।।ख़त्म हुआ विदेशी शासन,तोड़दो अब उन बेड़ियों को।।खुले दिल से अपनाओ इस खुले आसमां को,लेकिन ना छोड़ो धरती माँ के प्यार को।।हिंदी हैं राष्ट्रभाषा हमारी,इस पर करो जिन्दगी न्यौछावर सारी।। ( Hindi Diwas Par Kavita ) Hindi Diwas Kavita मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,राष्ट्रभाषा हूं मैं अभिलाषा हूं मैं,एक विद्या का घर पाठशाला हूं मैं,मेरा घर एक मंदिर बचा लो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,देख इस भीड़ में कहां खो गई,ऐसा लगता है अब नींद से सो गई,प्यार की एक थपक से जगा लो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,मैं ही गद्य भी बनी और पद्य भी बनी,दोहे, किससे बनी और छंद भी बनी,तुमने क्या-क्या ना सीखा बता दो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,मैं हूं भूखी तेरे प्यार की ऐ तू सुन,दूंगी तुझको मैं हर चीज तू मुझको चुन,अपने सीने से एक पल लगा लो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,मैं कहां से शुरू में कहां आ गयी,सर जमी से चली आसमां पा गयी,वह हंसी पल मेरा फिर लौटा दो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे,तेरी कविता हूं मैं हूं कलम तेरी,मां तो बनके रहूं हर जन्म में तेरी,अपना ए दोस्त आप बना लो मुझे,मैं हूं हिंदी वतन की बचा लो मुझे। ( Hindi Diwas Par Kavita ) संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी। ( Hindi Diwas Par Kavita ) Hindi Diwas Ke Liye Kavita जन-जन की भाषा है हिंदीभारत की आशा है हिंदी……जिसने पूरे देश को जोड़े रखा हैवो मजबूत धागा है हिंद ……हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदीएकता की अनुपम परम्परा है हिंदी…जिसके बिना हिन्द थम जाएऐसी जीवनरेखा है हिंदी…जिसने काल को जीत लिया हैऐसी कालजयी भाषा है हिंदी…सरल शब्दों में कहा जाए तोजीवन की परिभाषा है हिंदी… ~ अभिषेक मिश्र ( Hindi Diwas Par Kavita ) हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा,कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा।हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं।अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते।अंग्रेजी का हम पर असर हो गया।हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया।देसी घी आजकल बटर हो गया,चाकू भी आजकल कटर हो गया।अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूँ,हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूँ।। ~ दिविशा तनेजा ( Hindi Diwas Par Kavita ) Hindi Diwas Poem in Hindi Language हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है,हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है,हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण,हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण,हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा गान है,हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है,हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है,हिंदी हमारी अस्मिता हिंदी हमारा मान है।,हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है,हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है,हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है।,जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे,तब तक वतन की राष्ट्रभाषा ये अमर हिंदी रहे,हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है,हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है। Also, see :- 26 अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे लोकप्रिये कविताएँ Pages: 1 2 3 4 5 6 7 8 9