26 अटल बिहारी वाजपेयी की सबसे लोकप्रिये कविताएँ – Atal Bihari Vajpayee Poems हिंदी Famous Personalities by Pushkar Agarwal - 15th August 202022nd May 20210 हिरोशिमा की पीड़ा 20. किसी रात कोमेरी नींद चानक उचट जाती हैआँख खुल जाती हैमैं सोचने लगता हूँ किजिन वैज्ञानिकों ने अणु अस्त्रों काआविष्कार किया थावे हिरोशिमा-नागासाकी के भीषणनरसंहार के समाचार सुनकररात को कैसे सोए होंगे?क्या उन्हें एक क्षण के लिए सहीये अनुभूति नहीं हुई किउनके हाथों जो कुछ हुआअच्छा नहीं हुआ! यदि हुई, तो वक़्त उन्हें कटघरे में खड़ा नहीं करेगाकिन्तु यदि नहीं हुई तो इतिहास उन्हेंकभी माफ़ नहीं करेगा! राह कौन सी जाऊँ मैं ? 21. चौराहे पर लुटता चीरप्यादे से पिट गया वजीरचलूँ आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति सजाऊँ?राह कौन सी जाऊँ मैं? सपना जन्मा और मर गयामधु ऋतु में ही बाग झर गयातिनके टूटे हुये बटोरूँ या नवसृष्टि सजाऊँ मैं?राह कौन सी जाऊँ मैं? दो दिन मिले उधार मेंघाटों के व्यापार मेंक्षण-क्षण का हिसाब लूँ या निधि शेष लुटाऊँ मैं?राह कौन सी जाऊँ मैं ? जो बरसों तक सड़े जेल में 22. जो बरसों तक सड़े जेल में, उनकी याद करें।जो फाँसी पर चढ़े खेल में, उनकी याद करें।याद करें काला पानी को,अंग्रेजों की मनमानी को,कोल्हू में जुट तेल पेरते,सावरकर से बलिदानी को।याद करें बहरे शासन को,बम से थर्राते आसन को,भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरूके आत्मोत्सर्ग पावन को।अन्यायी से लड़े,दया की मत फरियाद करें।उनकी याद करें।बलिदानों की बेला आई,लोकतंत्र दे रहा दुहाई,स्वाभिमान से वही जियेगाजिससे कीमत गई चुकाईमुक्ति माँगती शक्ति संगठित,युक्ति सुसंगत, भक्ति अकम्पित,कृति तेजस्वी, घृति हिमगिरि-सीमुक्ति माँगती गति अप्रतिहत।अंतिम विजय सुनिश्चित, पथ मेंक्यों अवसाद करें?उनकी याद करें। ( Atal Bihari Vajpayee Poems ) मैं अखिल विश्व का गुरु महान 23. मैं अखिल विश्व का गुरू महान,देता विद्या का अमर दान,मैंने दिखलाया मुक्ति मार्गमैंने सिखलाया ब्रह्म ज्ञान।मेरे वेदों का ज्ञान अमर,मेरे वेदों की ज्योति प्रखरमानव के मन का अंधकारक्या कभी सामने सका ठहर?मेरा स्वर नभ में घहर-घहर,सागर के जल में छहर-छहरइस कोने से उस कोने तककर सकता जगती सौरभ भय। दुनिया का इतिहास पूछता 24. दुनिया का इतिहास पूछता,रोम कहाँ, यूनान कहाँ?घर-घर में शुभ अग्नि जलाता।वह उन्नत ईरान कहाँ है?दीप बुझे पश्चिमी गगन के,व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,किन्तु चीर कर तम की छाती,चमका हिन्दुस्तान हमारा।शत-शत आघातों को सहकर,जीवित हिन्दुस्तान हमारा।जग के मस्तक पर रोली सा,शोभित हिन्दुस्तान हमारा। भारत जमीन का टुकड़ा नहीं 25. भारत जमीन का टुकड़ा नहीं,जीता जागता राष्ट्रपुरुष है।हिमालय मस्तक है, कश्मीर किरीट है,पंजाब और बंगाल दो विशाल कंधे हैं।पूर्वी और पश्चिमी घाट दो विशाल जंघायें हैं।कन्याकुमारी इसके चरण हैं, सागर इसके पग पखारता है।यह चन्दन की भूमि है, अभिनन्दन की भूमि है,यह तर्पण की भूमि है, यह अर्पण की भूमि है।इसका कंकर-कंकर शंकर है,इसका बिन्दु-बिन्दु गंगाजल है।हम जियेंगे तो इसके लियेमरेंगे तो इसके लिये। एक नहीं दो नहीं 26. एक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते,पर स्वतन्त्र भारत का मस्तक नहीं झुकेगा। अगणित बलिदानो से अर्जित यह स्वतन्त्रता,अश्रु स्वेद शोणित से सिंचित यह स्वतन्त्रता।त्याग तेज तपबल से रक्षित यह स्वतन्त्रता,दु:खी मनुजता के हित अर्पित यह स्वतन्त्रता। इसे मिटाने की साजिश करने वालों से कह दो,चिनगारी का खेल बुरा होता है ।औरों के घर आग लगाने का जो सपना,वो अपने ही घर में सदा खरा होता है। अपने ही हाथों तुम अपनी कब्र ना खोदो,अपने पैरों आप कुल्हाडी नहीं चलाओ।ओ नादान पडोसी अपनी आँखे खोलो,आजादी अनमोल ना इसका मोल लगाओ। पर तुम क्या जानो आजादी क्या होती है?तुम्हे मुफ़्त में मिली न कीमत गयी चुकाई।अंग्रेजों के बल पर दो टुकडे पाये हैं,माँ को खंडित करते तुमको लाज ना आई? अमरीकी शस्त्रों से अपनी आजादी कोदुनिया में कायम रख लोगे, यह मत समझो।दस बीस अरब डालर लेकर आने वाली बरबादी सेतुम बच लोगे यह मत समझो। धमकी, जिहाद के नारों से, हथियारों सेकश्मीर कभी हथिया लोगे यह मत समझो।हमलो से, अत्याचारों से, संहारों सेभारत का शीष झुका लोगे यह मत समझो। जब तक गंगा मे धार, सिंधु मे ज्वार,अग्नि में जलन, सूर्य में तपन शेष,स्वातन्त्र्य समर की वेदी पर अर्पित होंगेअगणित जीवन यौवन अशेष। अमरीका क्या संसार भले ही हो विरुद्ध,काश्मीर पर भारत का सर नही झुकेगाएक नहीं दो नहीं करो बीसों समझौते,पर स्वतन्त्र भारत का निश्चय नहीं रुकेगा । ( Atal Bihari Vajpayee Poems ) Have a look at the following most famous poems of Atal Bihari Vajpayee in Hindi :- 1) Manali Matt Jaiyyo ( मनाली मत जइयो )2) Ek Baras Beet Gaya ( एक बरस बीत गया )3) Kadam Milakar Chalna Hoga ( कदम मिलाकर चलना होगा )4) Hari Hari Doop Par ( हरी हरी दूब पर )5) Doodh Mein Darar Pad Gayi ( दूध में दरार पड़ गई )See more Pages: 1 2 3 4 5