ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini Maa) : मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप, कहानी, श्लोक, उपासना | हिंदी Indian Festivals by Pushkar Agarwal - 24th March 202021st May 20210 माता ब्रह्मचारिणी की कहानी | Story of Brahmacharini Maa https://www.youtube.com/watch?v=ntDDwelkxOU इन माता का नाम ब्रह्मचारिणी इसलिए पड़ा क्योकि इन्होने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी। इसकी वजह से इनका नाम तपश्चारिणी मतलब ब्रह्मचारिणी से अभिहित किया गया। ब्रह्मचारिणी शब्द ब्रह्म अर्थात् तपस्या और चारिणी अर्थात् तप का आचरण करने वाली से बना है। इन माता की पूजा अर्चना करने भक्तों को वैराग्य, सदाचार, तप, त्याग और संयम में विस्तार होता है। इन माता का स्वरुप बहुत ही ज्योतिर्मय और भव्य है। इनके बाएं हाथ में कमण्डल और दाएं हाथ में जप की माला होती है। देवी ने पूर्वजन्म में हिमालय के भवन में पुत्री के रूप में जन्म लिया और नारद जी की आज्ञा से भगवान शिव के लिए घोर तपस्या की थी। सिर्फ फूल -फल का भोजन करके इन्होने एक हजार साल बिताये और सो साल सब्ज़ियो के